ज़िम्बाब्वे के ब्रेंडन टेलर ने रचा इतिहास: सचिन-जयसूर्या जैसे दिग्गजों के साथ टॉप-3 में दस्तक, 21वीं सदी का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अपने नाम किया!

क्रिकेट के इतिहास में कुछ रिकॉर्ड ऐसे होते हैं जो टॉप आंकड़े नहीं होते, बल्कि एक खिलाड़ी की अथाह लगन, समर्पण और उसके करियर की लंबी उम्र की कहानी कहते हैं। ऐसा ही एक शानदार रिकॉर्ड ज़िम्बाब्वे के दिग्गज ब्रेंडन टेलर ने अपने नाम किया है।

हाल ही में संपन्न हुए तीसरे ICC क्रिकेट विश्व कप सुपर लीग मैच में, टेलर ने अपने करियर का 241वां वनडे मैच खेला और इसके साथ ही वह इस फॉर्मेट में सबसे लंबा करियर रखने वाले खिलाड़ियों की शानदार लिस्ट में शामिल हो गए। उन्होंने न सिर्फ़ 21वीं सदी का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा बल्कि सचिन तेंदुलकर और सनथ जयसूर्या जैसे महानाओं के साथ ऑल-टाइम टॉप-3 में जगह बनाई।

क्या है पूरा मामला?

ब्रेंडन टेलर ने 1 फरवरी, 2004 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी। 17 साल और 18 दिन बाद, 19 फरवरी, 2021 को उन्होंने अपना 241वां मैच खेला। इतने लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय क्रिकेट खेलने का रिकॉर्ड 21वीं सदी में किसी भी और खिलाड़ी के पास नहीं है। यानी, इस सदी में डेब्यू करने वाले खिलाड़ियों में टेलर सबसे लंबे समय तक वनडे क्रिकेट खेलने वाले रिकॉर्डधारी बन गए हैं।

ऑल-टाइम टॉप-3 लिस्ट में कौन-कौन शामिल है?

टेलर का यह अनूठा कीर्तिमान उन्हें क्रिकेट इतिहास के सबसे धुरंधर खिलाड़ियों की पंक्ति में ला खड़ा करता है। यहां है वह ऐतिहासिक लिस्ट:

  1. सचिन तेंदुलकर (भारत): 22 साल 91 दिन (1989-2012)
  2. सनथ जयसूर्या (श्रीलंका): 21 साल 184 दिन (1989-2011)
  3. ब्रेंडन टेलर (ज़िम्बाब्वे): 17 साल 18 दिन (2004-2021)*
  4. शाहिद अफरीदी (पाकिस्तान): 16 साल 128 दिन (1996-2015)
  5. जावेद मियांदाद (पाकिस्तान): 16 सार 124 दिन (1975-1996)

*यह लेख लिखे जाने तक का डेटा है। टेलर का करियर अभी जारी है, इसलिए यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।

इस रिकॉर्ड की अहमियत क्या है?

यह रिकॉर्ड सिर्फ़ एक संख्या नहीं है, बल्कि टेलर की स्थिरता और ज़िम्बाब्वे क्रिकेट के प्रति उनके योगदान का प्रतीक है।

  • उतार-चढ़ाव का सामना: टेलर ने ज़िम्बाब्वे क्रिकेट के सबसे उथल-पुथल भरे दौर में खेला है। टीम के आईसीसी से बाहर होने, वरिष्ठ खिलाड़ियों के संन्यास लेने और फिर टीम के दोबारा उभरने का सफर उन्होंने देखा है। इन सभी चुनौतियों के बावजूद वह लगातार प्रदर्शन करते रहे।
  • फलंदाजी का केंद्रबिंदु: लगभग दो दशकों तक, टेलर ज़िम्बाब्वे की बल्लेबाजी की रीढ़ रहे हैं। चाहे टीम जीत रही हो या हार, उनका बल्ला हमेशा चलता रहा।
  • 21वीं सदी का रिकॉर्ड: यह रिकॉर्ड इसलिए भी खास है क्योंकि आज के जमाने में क्रिकेट का दबाव और शेड्यूल पहले से कहीं ज्यादा भीषण है। इतने लंबे समय तक शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहना अपने-आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

निष्कर्ष:

ब्रेंडन टेलर का नाम अब क्रिकेट की उन महान विभूतियों के साथ जुड़ गया है जिन्होंने न सिर्फ़ अपने खेल से, बल्कि अपने अदम्य साहस और लंबे करियर से इस खेल को नई परिभाषा दी। वह ज़िम्बाब्वे क्रिकेट के एक सच्चे स्तंभ और युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा हैं। यह कीर्तिमान उनकी मेहनत और क्रिकेट के प्रति प्यार का सबूत है।

मैं रितेश रावत एक स्नातक छात्र हूं और ऑटोमोबाइल,टेक्नोलॉजी एवं न्यूज़ कैटेगरी में कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। मुझे नई कारों, बाइकों, खबरों और आधुनिक तकनीकों के बारे में लिखना बेहद पसंद है। मेरा लक्ष्य है कि मैं अपने लेखों के माध्यम से पाठकों को सरल, रोचक और भरोसेमंद जानकारी प्रदान कर सकूं, ताकि वे ऑटो और टेक्नोलॉजी की दुनिया से हमेशा अपडेट रहें।

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