भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने अपनी ही सरकार की एक योजना में हुई गड़बड़ी को सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर एक बड़ी बहस छेड़ दी है। कृषि मंत्री श्री आईदन सिंह कंसाना ने खुद यह माना है कि भिंड जिले में किसानों को खाद (उर्वरक) के बंटवारे में गलती हुई है।
यह मामला तब सामने आया जब मंत्री जी भिंड के एक गाँव में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। वहाँ मौजूद किसानों ने उन्हें सीधे तौर पर अपनी परेशानी बताई। किसानों ने शिकायत की कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रही है और जो बंटवारा हो रहा है, उसमें पारदर्शिता की कमी है।
मंत्री कंसाना ने न सिर्फ किसानों की बात सुनी, बल्कि इस गड़बड़ी की जिम्मेदारी भी स्वीकार की। उन्होंने कहा कि खाद के वितरण में हुई इस त्रुटि पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी कोई शिकायत न आए।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, खरीफ का मौसम चल रहा है और इस दौरान किसानों को अपनी फसलों के लिए पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की जरूरत पड़ती है। ऐसे में अगर उन्हें सही समय पर खाद नहीं मिलती, तो इसका सीधा असर उनकी फसल की पैदावार पर पड़ता है। भिंड के किसानों का आरोप था कि खाद का बंटवारा ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा था, जिसकी वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
मंत्री ने दिए सख्त निर्देश
इस घटना के बाद कृषि मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द इस पूरी प्रक्रिया की समीक्षा की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि हर जरूरतमंद किसान तक उचित मात्रा में खाद पहुंचे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जो भी लोग इस गड़बड़ी के जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
किसानों ने जताई राहत
मंत्री के इस बयान और त्वरित कार्रवाई का असर भी दिखने लगा है। भिंड के किसानों ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अब उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में उन्हें खाद के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और उनकी फसल भी अच्छी हो पाएगी।
निष्कर्ष:
यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि जमीनी स्तर पर योजनाओं का सही क्रियान्वयन कितना जरूरी है। मंत्री द्वारा गलती स्वीकारना और उसे सुधारने का प्रयास एक सकारात्मक कदम है। देखना यह है कि आगे चलकर इस इलाके में किसानों को खाद की आपूर्ति में कितना सुधार देखने को मिलता है।
क्या आप एक किसान हैं? आपको अपने इलाके में खाद बंटवारे को लेकर क्या अनुभव हुआ है? हमें कमेंट में जरूर बताएं।