बड़ा फैसला:- अब देशभर में लागू हो सकता है ‘SIR’ सिस्टम, चुनाव आयोग ने बुलाई महत्वपूर्ण बैठक

चुनाव आयोग (Election Commission) ने देश के मतदाताओं के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाने की तैयारी की है। खबरों की मानें तो आयोग जल्द ही देश के हर कोने में ‘सर’ (SIR) यानी ‘सिंगल इलेक्टोरल रोल’ (Single Electoral Roll) सिस्टम को पूरी तरह से लागू कर सकता है। इसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा करने के लिए आयोग ने 10 सितंबर को एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, अभी भारत में कई राज्यों में अलग-अलग चुनाव आयोग हैं, जैसे पंचायत या नगर निगम के चुनावों का काम देखने वाले अलग आयोग। इनका अपना अलग मतदाता रोल (वोटर लिस्ट) होता है। इस वजह से अक्सर गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रहती हैं। कहीं एक ही नाम कई जगह दर्ज हो जाता है, तो कहीं कोई नाम गायब मिलता है। इससे आम वोटर को भी परेशानी होती है।

‘SIR’ यानी ‘सिंगल इलेक्टोरल रोल’ इस समस्या का एकमात्र हल है। इस सिस्टम के तहत पूरे देश में चुनाव आयोग की एक ही वोटर लिस्ट मान्य होगी। चाहे वो लोकसभा चुनाव हो, विधानसभा चुनाव हो या फिर स्थानीय निकायों के चुनाव। सबके लिए एक ही लिस होगी।

10 सितंबर की बैठक में क्या होगा?

चुनाव आयोग ने इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों और राज्य निर्वाचन आयोगों के प्रतिनिधियों को बुलाया है। इस बैठक का मकसद इस ‘सिंगल रोल’ सिस्टम को लागू करने में आ रही दिक्कतों पर चर्चा करना और उनका हल निकालना है। आयोग यह जानना चाहता है कि किन राज्यों में यह सिस्टम अभी तक पूरी तरह लागू नहीं हो पाया है और वहाँ क्या चुनौतियाँ हैं।

आम आदमी को क्या फायदा होगा?

अगर यह सिस्टम पूरे देश में लागू हो जाता है, तो इसके कई बड़े फायदे होंगे:

  1. गड़बड़ी खत्म: एक व्यक्ति, एक वोट की गारंटी होगी। डुप्लीकेट और फर्जी वोटरों की समस्या पर लगाम लगेगी।
  2. सुविधा: वोटर्स को अलग-अलग जगह रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक बार रजिस्ट्रेशन कराओ और सभी चुनावों में वोट डालो।
  3. पारदर्शिता: पूरी प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी और साफ-सुथरी हो जाएगी, जिससे चुनावों की विश्वसनीयता और बढ़ेगी।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

चुनावी मामलों के जानकार मानते हैं कि यह चुनाव आयोग का एक सराहनीय कदम है। इससे न केवल चुनावी प्रक्रिया सरल होगी, बल्कि देश के लोकतंत्र को और मजबूती मिलेगी। हालाँकि, सभी राज्यों का सहयोग इसे सफल बनाने के लिए बेहद जरूरी है।

निचली पंक्ति:

10 सितंबर की इस बैठक के नतीजे भविष्य की राह तय करेंगे। अगर सभी राज्य सहमत हो जाते हैं, तो जल्द ही पूरे देश में एक ही वोटर लिस्ट का इस्तेमाल होगा। यह भारतीय लोकतंत्र में एक बहुत बड़ा सुधार साबित हो सकता है। इस मामले पर हर किसी की नजर चुनाव आयोग की इस बैठक पर टिकी हुई है।

मैं रितेश रावत एक स्नातक छात्र हूं और ऑटोमोबाइल,टेक्नोलॉजी एवं न्यूज़ कैटेगरी में कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। मुझे नई कारों, बाइकों, खबरों और आधुनिक तकनीकों के बारे में लिखना बेहद पसंद है। मेरा लक्ष्य है कि मैं अपने लेखों के माध्यम से पाठकों को सरल, रोचक और भरोसेमंद जानकारी प्रदान कर सकूं, ताकि वे ऑटो और टेक्नोलॉजी की दुनिया से हमेशा अपडेट रहें।

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